दोस्तो आज कल आधुनिक जीवनशैली में हम सभी की बैठने आदत बहुत ज्यादा हो गई है। अधिकांश लोगो को हमने गौर किया है अपने कार्यस्थल पर या घर में एक ही स्थान पर लंबे समय तक बैठे रहते है, जिसके फलस्वरूप बाद में उनके स्वास्थ पर बुरा असर भी पढ़ता है। लंबे समय तक बैठे रहने की आदत कई गंभीर और स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में हम एक ही स्थान पर अर्थात “wellhealthorganic.com:health-hazards-of-prolonged-sitting”
बैठे रहने के स्वास्थ हानि पर चर्चा करेंगे और दोस्तो साथ ही इससे बचने के कुछ सुझाव भी अपको बताएंगे, इसलिए इस लेख को ध्यान से पढ़ना।
स्थायी बैठक से होने वाले नुक्सान
1. पीठ और गर्दन में तेज दर्द
दोस्तो कम उम्र में ही आज कल लोग पीठ और गर्दन के दर्द से परेशान रहने है और इसका मुख्य कारण है एक ही स्थान पर लंबे समय तक बैठे रहना। लंबे समय तक बैठे रहने के कारण हमारी पीठ और गर्दन को बहुत ज्यादा दबाव महसूस होता है। दोस्तो एक रिसर्च में ये पाया गया है की बुढ़ापा में पीठ और गर्दन के दर्द 90% महिला और पुरुषो को होता है इसमें केवल 10% लोग ही इस समस्या से बचे होते है। वो भी ऐसे लोग बचे होते है जो प्राणायाम करते है और बहुत ही कम एक स्थान पर बैठते है इसलिए कोशिश करे एक स्थान पर लंबे समय तक ना बैठे, और अगर आप किसी कारण के लिए लंबे समय तक बैठने भी अपको होता है तो आप घूमने वाले और हलचल होने वाले कुर्सी का प्रयोग करे और बीच बीच में हलचल करते रहे।
2. मोटापा
आज कल लोग मोटापे से बहुत ही ज्यादा परेशान है और इसका मुख्य कारण है बैठे रहने की आदत। दोस्तो लोग कहते है खान पान से मोटापा बढ़ता है ये बात 20% ठीक है। किंतु जब हम आवश्यकता से ज्यादा बैठते है तो हमारे शरीर में कम ऊर्जा की खपत होती है जिससे कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ने लगता है और कम ही उम्र में लोग मोटापा के शिकार होने लगते हैं और जब मोटापा बढ़ती है तो अनेक रोग भी जन्म लेता है। पतले के मुकाबला मोटे लोग बहुत बीमार पढ़ते है और अनेकों रोग से ग्रसित भी होते है। दोस्तो स्वास्थ से बड़ा कोई धन नहीं इसलिए समय रहते अपने बैठने की आदत को कम करे।
3.दिल की बीमारी
अनियमित बैठे रहने की आदत दिल के दिल के बीमारी का कारण बन रहा है। आज कल कम उम्र के लोग भी इस बीमारी के चपेट में आ रहे है इसलिए बैठने की आदत को कम करे और नियमित प्राणायाम योग और व्याम करे । दीर्घकाल तक शरीर स्वस्थ और निरोग रहेगा। अवशक्ता से अधिक बठने से शरीर में रक्त का संचार कम तथा अचानक से तेज हो जाता है जिससे दिल के दौरा होने का खतरा रहता है इसलिए कम बैठा करे । आचार्य चरक ने भी और आयुर्वेद के विशेष्यो ने भी कहा है लंबे समय तक बैठे रहना हृदय घात का मुख्य कारण बनेगा ।
4. दिमागी समस्या
अनियमित बैठे रहने के कारण हमारे दिमाग को सही मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन कम मिलता है क्योंकि हल चल से सुद्ध और प्राकृतिक अक्सीजन मिलता है, इसलिए आक्सीजन की कम मात्रा में मिलना मनुष्य के दिमागी संतुलन को खराब कर सकता है। एक रिसर्च में डॉक्टरों ने यह पाया है की स्थायि बैठक की आदत एक सामान्य मनुष्य को पागल कर सकता है। डॉक्टरों ने इसके कई प्रमाण और साक्ष्य भी दिए। दोस्तो इस खतरा से बचने के लिए चला फिरा करे और दिन में कुछ मिनट विश्राम भी किया करे।
5. बढ़ती उम्र के लक्षण
बैठे रहने की आदत से जुड़ी हुई स्वास्थ्य समस्या अनेकों है जैसे घुटनों में दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, कमर में तेज दर्द, गर्दन और पीठ के हिस्सा में असहनीय पीढ़ा होना। दोस्तो आयुर्वेद के एक अच्छे सलाहकार ने कहा है, यह शरीर इंजन है जिस प्रकार एक ही स्थान पर इंजन को बिना चालू करे रखा जाय तो वह निश्चित ही खराब हो जाता है वैसे ही मानव शरीर है इसका चलना भी इंजन के ही जैसा है। चलते फिरते शरीर निरोग और हष्ट पुष्ट रहता है इसलिए आज से ही इस लेख को पड़कर अपने बैठने की आदत को कम करो। क्योंकि रोगी शरीर ही सब दुखो का कारण बनता है, धन सुख से कई गुना स्वस्थ सुख अच्छा होता है। स्वास्थ्य से बड़ा कोई धन नहीं।
स्थायी बैठे रहने की आदत से होने वाले नुकसान से बचने के लिए आप अपने दिनचर्या में ये 5 बदलाव जरूर करे। अपको इसके अच्छे लाभकारी परिणाम जरूर मिलेंगे।
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स्थायी बैठे रहने की नुकसान से बचने के उपाय
- 1. एक स्थान पर बैठे रहने के बाद कम से कम 5 मिनट जरूर टहले जिससे शरीर को हलचल मिल सके। इससे लंबे समय तक बैठे रहने का आपको कोई नुकसान नहीं होगा ।
- 2. अपने कार्यस्थल पर एक अच्छे कुर्सी रखे जो चलता फिरता हो मतलब स्थाई कुर्सी न हो, जिससे आप बीच बीच में हलचल कर सके।
- 3. नियमित व्याम जरूर करे और व्याम को अपने रोजमर्रा के जिंदगी में सामिल करें, जिससे आप स्वस्थ और निरोग रहोगे। स्थाई बैठक का आप पर कोई बुरा असर नहीं पढ़ेगा।
- 4. दिन भर में कुछ मिनट का समय निकालकर विश्राम जरूर करे। इससे बॉडी को रिलेक्स मिलता है। चिंता और तनाव से भी दूर रहने का प्रयास करे, जिससे मन स्थिर और शांत रह सके।
- 5. बीच बीच में उठकर पानी जरूर पिया करे, इसी बहाने पेशाब जाओगे जिससे हलचल भी हो जायेगा। बीच बीच में पानी पीने से स्थाई बैठक से कोई नुकसान नहीं होगा, और हा दोस्तो लंबे समय तक बैठे रहने के कारण कभी भी पेशाब को रोक कर मत रखना इससे पेशाब संबंधित और मूत्र त्याग की बीमारी भविष्य में हो सकती है।
दोस्तो हमेशा ध्यान रखना स्थाई बैठक अनेक रोगों को जन्म देता है इसलिए स्थायी बैठक कम बैठा करे और बीच बीच में हलचल किया करे। व्याम करने के दौरान स्थायी बैठक अगर जमीन पर 10 मिनट बैठा जाय और रीढ़ के हड्डी को सीधा करके बैठा जाय तो रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर के कुंडलनी सक्ति का विकाश होता है किंतु यह केवल योग और व्याम के समय आपको लाभ मिलेंगे बाकी समय केवल नुकसान ही नुकसान। इसलिए अपने दिनचर्या में बैठने की आदत को कम करे।
उदाहरण :
दोस्तो रमेश नाम की एक खास हमारे मित्र थे जो आजकल विदेश में है, ये वहां अच्छी कंपनी में पदस्थ है किंतु इनके भी आदत औरों की तरह एक ही स्थान पर बैठकर काम करने वाला था, इन्होंने भी पैसों की चकाचौंध और कंपनी के पद की लालच के चलते एक ही स्थान पर बैठ बैठकर लंबे समय तक कंप्यूटर में काम करना सुरु कर दिया, सुरु सुरु में इन्हे तो कुछ नही हुआ किंतु समय के साथ इनके छाती और सीने में दर्द का होना, सोते समय इनके हाथ सुन्न होने लगा। इन्होंने अनेक डाक्टरी दवा और उपाय किए किंतु बैठने की आदत के चलते इन्हे लाभ के जगह दवाइयों का साइड इफेक्ट मिलना सुरु हो गया। एक दिन की बात है इन्होंने अचानक हमे कॉल किया और कहा भाई सब मुझे इस इस हिस्से में दर्द है और दवाओ से ये दर्द जाने की बजाय और बढ़ता जा रहा है तब मैने इसे बताया कि ये सब स्थायी बैठक से होता है (अर्थात एक स्थान पर लंबे समय तक बैठे रहने के कारण) क्योंकि दोस्तो इससे शरीर का हलचल नहीं हो पाता जिससे पेट में गैस बनता है। और गैस बने तो समझ जाना छाती और बदन में दर्द होता है। फिर हमने रमेश को समझाया आज यह स्वस्थ और निरोग है। दोस्तो हलचल जरूरी है स्थाई बैठक बैठे लेकिन आवश्यकता से ज्यादा नहीं । कहा भी जाता है “अति सर्वत्र सर्वदा वर्जते”
दोस्तो यह लेख कैसा लगा हमे जरूर बताना और इस लेख को अपने दोस्तो को रिश्तेदारों को जरूर शेयर करना जिससे वो भी इसके होने वाले दुष्प्रभाव से बच सके “जय हिंदी वंदे मातरम”